हल्दूचौड़ / लालकुआं।

लाल बहादुर शास्त्री राजकीय महाविद्यालय, हल्दूचौड़ के छात्रसंघ प्रतिनिधियों ने सर्किल ऑफिसर कोतवाली लालकुआं को एक ज्ञापन सौंपकर देवरामपुर–भूमिया मंदिर लिंक रोड (बाबूर गुमटी–आधू की दुकान मार्ग) पर चल रहे ओवरलोड और भारी वाहनों के परिचालन पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
छात्रों ने कहा कि यह मार्ग ग्रामीणों, विद्यार्थियों और आम नागरिकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस रोड से कई विद्यालय, 22 आंगनबाड़ियाँ, और लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय के हजारों छात्र-छात्राएँ प्रतिदिन आवागमन करते हैं। मार्ग की हालत अत्यंत जर्जर है, कई स्थानों पर सड़क की चौड़ाई केवल 7-8 फुट रह गई है जबकि रिकॉर्ड अनुसार यह 32 फुट की होनी चाहिए।
छात्रसंघ के प्रतिनिधियों ने बताया कि जल जीवन मिशन की खुदाई के बाद भी उचित मरम्मत नहीं हुई, जिससे बारिश में सड़क तालाब बन जाती है। वहीं, स्टोन क्रशर और खनन क्षेत्र से आने वाले ओवरलोड डम्पर, ट्रक और 10-टायर वाहन लगातार इसी संकरे लिंक रोड से गुजर रहे हैं, जिससे सड़क और जनसुरक्षा दोनों खतरे में हैं।
ज्ञापन में छात्रों ने कहा कि यह स्थिति Motor Vehicles Act, 1988 की धारा 113, 114, 194 तथा Motor Vehicles (Amendment) Act, 2019 के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि –
1. सुबह 7 से 10 और दोपहर 2 से 5 बजे तक भारी वाहनों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।
2. ओवरलोड वाहनों की चेकिंग और FIR दर्ज करने के लिए पोर्टेबल वेट मशीनें लगाई जाएं।
3. सड़क की आपातकालीन मरम्मत (Hot/Cold mix patching) तुरंत कराई जाए।
4. वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था की जाए ताकि स्कूल क्षेत्र से भारी वाहन न गुजरें।
5. तहसील स्तर पर 7-सदस्यीय जांच समिति गठित कर 7 दिनों में रिपोर्ट पेश की जाए।
छात्रसंघ ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती, तो क्षेत्रवासी और कॉलेज के छात्र शांतिपूर्ण जन-आंदोलन और न्यायिक कदम (PIL) उठाने को बाध्य होंगे।
ज्ञापन की प्रतिलिपि जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक (ट्रैफिक), लोक निर्माण विभाग, जल जीवन मिशन, DMF नैनीताल, तथा स्थानीय विधायक और उप-जिलाधिकारी लालकुआं को भी भेजी गई है।
ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से —
दीपक, सुमित सिंह कार्की, कमल पांडे और संजना पांडे (लाल बहादुर शास्त्री कॉलेज, हल्दूचौड़ के छात्रसंघ सदस्य) शामिल रहे।
छात्रसंघ का कहना है कि यह मुद्दा केवल सड़क की मरम्मत तक सीमित नहीं है, बल्कि सुरक्षा और भविष्य के विद्यार्थियों के जीवन से जुड़ा हुआ है। स्थानीय लोग भी सड़क की जर्जर स्थिति और भारी वाहनों के चलते रोजाना खतरनाक स्थिति में जीवनयापन करने को मजबूर हैं।













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