भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने गुरुवार को ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची से बातचीत की। उन्होंने इस बातचीत की जानकारी सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट के जरिए दी। विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि उन्होंने मौजूदा जटिल हालात पर ईरान का नजरिया जाना और उनकी सोच को समझा। इसके साथ ही उन्होंने इस बात के लिए ईरान का धन्यवाद किया कि उन्होंने भारतीय नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने में मदद की।
Spoke to FM @araghchi of Iran this afternoon.
Appreciate his sharing Iran’s perspective and thinking in the current complex situation.
Thanked him for facilitating the safe evacuation of Indian nationals.
🇮🇳 🇮🇷
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) June 27, 2025
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ईरान-इस्राइल संघर्ष में भारतीयों की वापसी
बता दें कि, ईरान-इस्राइल के बीच कई दिनों तक चले संघर्ष के दौरान भारत ने ऑपरेशन सिंधु चलाया और दोनों देशों में रहने वाले भारतीय नागरिक सुरक्षित स्वदेश लाए गए। ताजा जानकारी के अनुसार, ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान से 173 भारतीयों को लेकर एक विशेष विमान कल देर रात येरेवन, आर्मेनिया से नई दिल्ली पहुंचा हैं। इसकी जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि अब तक 19 विशेष उड़ानों से कुल चार हजार 415 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया है।
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ईरान-इस्राइल संघर्ष, अमेरिका की भूमिका
ईरान पर यूरेनियम संवर्धन और परमाणु हथियार विकसित के आरोपों को लेकर इस्राइल ने उस पर 13 जून को हमला किया। इसके बाद दोनों देशों का टकराव 12 दिनों तक चला। वहीं अमेरिका ने 23 जून को तड़के सुबह ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर बड़े पैमाने पर बमबारी की। इसके बाद टकराव बढ़ने की आशंकाओं के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 24 जून चौंकाते हुए दोनों देशों के बीच संघर्षविराम समझौते की घोषणा की। हालांकि ये संघर्षविराम कुछ ही घंटे लागू रह पाया और दोनों पक्ष एक-दूसरे पर संघर्षविराम के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए हमले करते रहे। आखिरी में अमेरिका के हस्तक्षेप के बाद जैसे-तैसे संघर्षविराम लागू हुआ।